खुशहाल जिंदगी कैसे जिये - Play Hindiखुशहाल जिंदगी कैसे जिये - Play Hindi
आज लगभग हर व्यक्ति की जिंदगी बहुत ही जटिलता और उतार चढ़ाव से भरी हुई है। जिंदगी में दुःख भी है और सुख भी।
असल मे सुख और दुख एक दूसरे के पूरक है। अगर आप सुख और दुख के बीच में संतुलन बना लेते है तो हम अपनी जिंदगी को पूरी तरह से खुलकर जी सकते है।
अगर हमारी ज़िंदगी मे एक खुशी का पल चला जाये तो इसका यह अर्थ नही है कि अब हमारे जीवन मे खुशी का मौका दुबारा नही आएगा।
लाइफ हमे जीने के लिये बहुत से अवसर देती है। लेकिन हर साल कोई यह चाहता है कि उनका पूरा जीवन खुशियों से भरपूर रहे, ऐसा कोई नही है जो अपने जीवन मे किसी भी तरह का दुख या परेशानी को देखना चाहता हो।
अगर हम यह स्वीकार कर ले कि हमारे जीवन के लिए सुख जितना जरूरी है उतना ही जरूरी दुख भी है तो हम एक सुखी जीवन व्यतीत कर सकते है।
जब भी हमारे जीवन मे दुख आता है तो हम यह मान लेते है कि इससे अच्छा हमारे लिए कुछ नहीं है जिसकी बजह से हम दुख में फसे रहते है और जीवन मे आने वाले खुशी के अफसरों को स्वयं ही ठुकरा देते हैं।
क्योंकि उन लोगो को यह ज्ञात नहीं है कि जिंदगी कैसे जिये? अगर आप भी जानना चाहते हैं कि खुशहाल जिंदगी जीने का मंत्र क्या है?
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